दिल्ली के मध्य में स्थित, यह प्राचीन बावड़ी 14 वीं शताब्दी की है और माना जाता है कि इसे महान राजा अग्रसेन ने बनवाया था।
दक्षिण दिल्ली का यह विशाल वन क्षेत्र प्रकृति की सैर या पिकनिक के लिए एक शानदार जगह है और पक्षियों और जानवरों की कई प्रजातियों का घर है।
दक्षिण दिल्ली में यह आधुनिक पड़ोस अपने जीवंत माहौल, कैफे और बुटीक के लिए जाना जाता है।
दक्षिणी दिल्ली का यह खूबसूरत मकबरा प्रसिद्ध सूफी संत हजरत निजामुद्दीन औलिया का अंतिम विश्राम स्थल है।
चाणक्यपुरी का यह संग्रहालय भारतीय रेलवे के इतिहास को प्रदर्शित करता है और इसमें पुराने लोकोमोटिव और कोच का संग्रह है।