एक पंक्ति में 108 विस्तृत बलुआ पत्थर के स्तंभ हैं, जिनमें से प्रत्येक में भगवान शिव की "मुद्रा" और शीर्ष पर"त्रिशूल" डिजाइन है।
इस मंदिर में शहर के रक्षक भगवान काल भैरव की पूजा की जाती है।
लोककथाओं के अनुसार, माना जाता है कि महर्षि सांदीपनि ने इस आश्रम में श्रीकृष्ण, उनके मित्र सुदामा और कृष्ण के भाई बलराम को शिक्षा दी थी।
बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक, या मंदिर, जिन्हें शिव का सबसे पवित्र निवास स्थान माना जाता है, एक हिंदू मंदिर है जो भगवान शिव को समर्पित है।
भव्य कृष्ण-थीम वाला हिंदू मंदिर, जिसके बरामदे, खूबसूरत बगीचे, और संगमरमर के खंभे हैं।