प्रसिद्ध पर्यटन स्थल मणिकरण साहिब गुरुद्वारे का इतिहास

मणिकरण साहिब गुरुद्वारा भारत के हिमाचल प्रदेश की पार्वती घाटी में स्थित एक सिख तीर्थ स्थल है।

सिख इतिहास के अनुसार, पंथ के संस्थापक गुरु नानक देव जी ने 16वीं शताब्दी में अपने शिष्य भाई मरदाना के साथ इस स्थल का दौरा किया था।

किंवदंती यह है कि गुरु नानक देव जी ने अपनी आध्यात्मिक शक्तियों का उपयोग साइट पर गर्म पानी के झरनों को बनाने के लिए किया था, जिन्हें अभी भी चिकित्सा गुणों के रूप में माना जाता है।

बाद में गुरु गोबिंद सिंह जी और गुरु हर राय साहिब जी सहित अन्य सिख गुरुओं ने इस स्थल का दौरा किया।

गुरुद्वारा 20वीं शताब्दी में बनाया गया था, और वर्तमान संरचना 1940 में बनाई गई थी।

गुरुद्वारे का प्रबंधन शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) द्वारा किया जाता है और हर साल हजारों सिख और हिंदू भक्त यहां आते हैं।

यह साइट अपने लंगर के लिए भी जानी जाती है, जो सभी आगंतुकों को उनकी आस्था की परवाह किए बिना मुफ्त भोजन प्रदान करती है।

गुरुद्वारे को 2013 में एक अचानक बाढ़ में व्यापक क्षति हुई थी, लेकिन बाद में इसे अपने पूर्व गौरव में बहाल कर दिया गया था।

गुरुद्वारे के अलावा, साइट में भगवान राम, भगवान शिव और देवी पार्वती को समर्पित एक मंदिर भी शामिल है।

मणिकरण साहिब गुरुद्वारा न केवल एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है बल्कि एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल भी है जो अपने गर्म पानी के झरनों, प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता है।

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