प्राचीन आनंदेश्वर मंदिर कानपुर

प्राचीन आनंदेश्वर मंदिर कानपुर

1. कानपुर का आनंदेश्वर मंदिर (परमट) महाभारत काल से भी पुराना है।

2. मान्यता है कि मंदिर में दानवीर कर्ण गंगा स्नान करने के बाद शिव की पूजा करते थे।

3. एक विशाल टीले पर बना ये मंदिर आज 3 एकड़ एरिया में फैला हुआ है।

4. बहुत जल्द, इस मंदिर को वाराणसी के काशी विश्वनाथधाम कॉरिडोर की तर्ज पर विकसित किया जाएगा।

5. टीले पर बड़ी संख्या में गाय घास चरने के लिए आती थीं। एक बार एक गाय जिसका नाम आनंदी था, उसने कर्ण को पूजन करते हुए देख लिया।

6. इसके बाद गाय भी वहीं जाकर अपना सारा दूध खुद ही चढ़ा देती थी। इसके बाद ग्रामीणों ने इस स्थान पर खुदाई कराई। कई दिन की खुदाई के बाद यहां शिवलिंग मिला।

7. ग्रामीणों ने शिवलिंग का अभिषेक कर गंगा किनारे ही स्थापित कर दिया।

8. आनंदी गाय के दूध चढ़ाने के कारण ही मंदिर का नाम आनंदेश्वर पड़ा।

9. मंदिर को भक्त छोटी काशी के नाम से पुकारते हैं। वर्षों से यहां पर लगभग हर दिन किसी न किसी शिवभक्त द्वारा भंडारे का आयोजन किया जाता है।

10. मंदिर परिसर में शिवलिंग के साथ विह्नहर्ता गणपति महाराज, संकटमोचन हनुमान जी, श्रीहरि विष्णु भगवान और समस्त देवी-देवताओं की प्रतिमाएं विराजमान हैं।

UNKNOWN PLACES IN UTTRAKHAND

UNKNOWN PLACES IN UTTRAKHAND